Parrot Fever: क्या है पैरेट फीवर? जिसका संक्रमण डाल रहा है लोगों की जान जोखिम में, जानिए क्या होते है इसके लक्षण, आईये आज के इस आर्टिकल के जरिये जानते है क्या है ये पैरेट फीवर की बिमारी जो बढ़ा रही है जान का खतरा।
क्या है पैरेट फीवर?
दोस्तों यह संक्रमण यूरोपीय देश में तेजी से फैल रहा है जिसका नाम पैरेट फीवर है, इसके बाद कई लोग इसके घेरे में आकर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, साथ ही यह फीवर भारत और अमेरिका में भी तेजी से फैल रहा है जिससे वहां पर भी कुछ लोग इस पैरेट फीवर से संक्रमित हो चुके हैं, पैरेट फीवर को हम सीटोकोसिस के नाम से भी जानते हैं। यह पक्षियों में पाया जाने वाला एक प्रकार का बैक्टीरिया। यह संक्रमण तब फैलता है जब आप किसी पैरेट पक्षी के काटने या उसे छूने या उससे संपर्क में आने से बीमारी आपको अपने घेरे में ले लेती है। वहीं जो पक्षी इससे संक्रमित नहीं होते हैं, उनमें इसके लक्षण बिल्कुल भी दिखाई नहीं देते हैं जिससे आपको भी अनजान हो जाता है और आप भी इस संक्रमण के घेरे में आ जाते हैं।
जानिए क्या होते है इसके लक्षण
दोस्तों पैरेट फीवर के लक्षण आपके शरीर में कुछ ज्यादा परिवर्तन नहीं करेंगे जिससे यह लक्षण काफी सामान्य नजर आते हैं।इसलिए हम इन्हें समझ नहीं पाते हैं, लेकिन इसमें जान का खतरा काफी तेजी से बढ़ जाता है। इसमें मांसपेशियों का दर्द, सूखी, खांसी, बुखार, यह सांस लेने में दिक्कत या ठंड लगना आदि इसके लक्षण है। यदि आपको इस तरह के लक्षण अपने शरीर में कभी नजर आते हैं तो आप तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उन्हें अपनी परेशानी के बारे में बताएं।
किन्हें है ज्यादा खतरा
दोस्तों पैरेट फीवर एक प्रकार का जूनोटिक डिजीज है। यह पहले पक्षियों में फैलता है, उन्हें संक्रमित करता है। फिर जो इंसान पक्षियों के संपर्क में आते हैं, यह उन्हें संक्रमित करता है। पक्षियों के पंख से भी यह बीमारी तेजी से फैलती है। इसलिए यह बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को होता है जो पक्षियों का व्यापार करते हैं या उनका पालन करते हैं इसलिए इन लोगों को पैरेट फीवर के खतरे से बचाव करने के लिए कड़ी सावधानी बरतनी होगी।
कैसे करें बचाव
जो भी व्यक्ति पक्षियों का व्यापार या पालन करते हैं उन्हें इस बीमारी से सतर्क रहना काफी जरूरी होगा। उन्हें साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा। साथ ही पक्षियों के इलाकों से भी दूरी बनाए रखनी होगी। उनके पिंजरे से भी दूर रहें और यदि आप कभी भी भूल कर इन पक्षियों के संपर्क में आ जाएं, जो संक्रमित हैं तो अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य ले। यदि आप इन सभी बातों का ध्यान रखते हैं तो आप भी इस खतरनाक बीमारी से अपना बचाव कर पाएंगे।
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