Mango Farming: आम की खेती में रखें इन बातों का ध्यान, एक्सपर्ट की इन टिप्स को करें फॉलो कभी नहीं खराब होगी आपकी फसल आइये आपको बताते हैं की किस तरह आप कर सकते हैं इसकी खेती की सुरक्षा।
Mango Farming
गर्मियों के दिनों में आम की खेती लगभग पूरे देश में ही की जाती है। कई लोग अपने खेतों में आम की बागवानी करते हैं जिससे कि उनकी फसल बहुत ही ज्यादा अच्छी होती है और उन्हें बहुत ही सारा पैसा मिलता है। आम की कीमत गर्मियों के दिनों में काफी ज्यादा मिल जाती है। जिससे कि किसान बहुत ज्यादा लाभ कमा लेते हैं। आम की 1500 से ज्यादा किस्मे है। जिनको देश भर में उगाया जाता है। लेकिन कई बार बदलते मौसम के कारण आम के फूल पर बहुत ही ज्यादा कीट जम जाते हैं या फिर इल्लियां लगने की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। बारिश और ओले गिरने के कारण फसल में बहुत ही ज्यादा खराबी आ जाती है। जिससे किसान बहुत परेशान हो जाते हैं। उनकी फसल का भी काफी नुकसान हो जाता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको इसी के बारे में पूरी जानकारी देंगे कि आप इस रोग का सामना कैसे कर सकते हैं और एक्सपर्ट की इस समय इस समस्या के संबंध में क्या है राय।
![](https://hinditaazanews.com/wp-content/uploads/2024/03/2017_5largeimg11_May_2017_120643927.jpg)
जानिए क्या होता है गुच्छा रोग
आम के फूलों में कीट लगने की समस्या को गुच्छा रोग कहा जाता है। ज्यादातर यह रोग मार्च और अप्रैल के महीने में ही होता है। क्योंकि इस महीने में ज्यादातर ओलावृष्टि और बारिश की संभावना बनी रहती है। मौसम में बदलाव के कारण यह रोग बहुत ही ज्यादा बढ़ सकता है। आम की फसल को इससे सुरक्षित रखने के लिए और अपने उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए आप कुछ उपाय भी कर सकते हैं। जिससे कि यह गुच्छा रोग बहुत ही कम हो जाएगा। गुच्छा रोग दो प्रकार से होते हैं एक में तो यह प्रभावित फूल या कलियां गुच्छेदार हो जाती है। वहीं दूसरी तरफ पत्तियां मिलकर गुच्छा बनाती है जिससे की बहुत ही ज्यादा कीड़े जम जाते हैं। इसके अलावा छोटी-छोटी पत्तियां भी मिलकर गुच्छे बनाने लग जाती है। जिससे कि पेड़ों पर फल लगने की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
![](https://hinditaazanews.com/wp-content/uploads/2024/03/MANGO.webp)
इस तरह से करें देखभाल
इसके लिए आप इसमें कार्बेंडाजिम के साथ मैंकोजेब या प्रोपिनेब का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी अथवा ट्राईफ्लॉक्सीस्ट्रोबिन के साथ टेबूकोनाजोल का 0.5 ग्राम प्रति लीटर पानी मिलाकर उस पर छिड़काव कर आपको बहुत ही ज्यादा लाभ मिलेगा। फसल में कीट दिखने पर मोनोक्रोटोफोस या लेम्डा साइलोथ्रिन या क्वीनालफॉस का 1 से 1.5 मिली प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करना चाहिए जिससे आपको कभी भी इस समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।